चंद्रमा और मन : विशेष उपाय
मन के हारे हार है ,मन के जीते ,जीत
मन एव मनुष्याणां कारणं बन्धमोक्षयोः।
हार या जीत का निश्चय मन से ही होता है ।कैसे मन हरा देता है और कैस मन ही जीता देता है। क्या यह सिर्फ कहने भर की बात है, या फिर इसमें कोई सच्चाई भी है। जिसे समझने की जरूरत है। इसे हम साधारण से साधारण भाषा में समझने की कोशिश करते हैं । मन, यानि हमारी विल पावर ,हमारी इच्छा शक्ति जो आत्म शक्ति और आत्म बल को जागृत कर हमें साधारण से असाधारण की यात्रा करवा देती है ।यह इच्छा शक्ति जो हमें विपरीत से विपरीत परिस्थितियो, संघर्षो संकटों के बावजूद आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है ।यकीन मानिए व्यक्ति में कितनी भी प्रतिभा ,क्षमता, कौशल ,संसाधन हो किंतु उसके पास प्रबल इच्छाशक्ति नहीं है. तो वह जिंदगी की दौड़ में कहीं ना कहीं रुक ही जाएगा ।क्योंकि उसके पास सब कुछ है, पर संघर्ष करने की क्षमता नहीं है ,इच्छा शक्ति नहीं है। जीवन एक संघर्ष है , बिना दृढ़ इच्छा शक्ति के यह संघर्ष मुश्किल है ।हम महान लक्ष्य तो बनाक सकते हैं, अपने लिए एक महान सपना भी देख सकते हैं । यह कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है। हम सोच सकते हैं कि हमें अमिताभ बच्चन, आइंस्टीन ,ओबामा ,लिंकन ,टाटा ,अंबानी की तरह बनना है ।किंतु बनेगा वही जिसके इरादों में दम है। हम यह सोचना भूल जाते हैं की मंजिल की तरफ कैसे बढ़े, उस रास्ते में कितने कांटे हैं, कितने पत्थर है ,जिन से हमें गुजारना है। इसलिए हम कहीं ना कहीं असफल हो जाते हैं । कितने त्याग ,बलिदान और तपस्या करके हमें अपनी मंजिल तक पहुंचना है । हम उनके लिए अपने आप को तैयार नहीं कर पाते और संघर्षों की राहों में हम टूट कर बिखर जाते हैं ।इच्छा शक्ति जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है । क्योंकि सपना वो नहीं होता जो आप आंख बंद करके देखें ,सपना वह होता है जो आंख बंद करने ही नहीं देता ,आपको सोने नहीं देता ।साक्षी मलिक पी़ वी संधू ,दीपा कर्मकर बुलंद हौसलों की मिसाले हैं ,मजबूत इरादों की कहानियां हैं। सत्य नडेला ,सुंदर पिच्चई, अब्राहम लिंकन, नेल्सन मंडेला, कलाम साहब, स्टीफन हाकिंग्स , मलाला, इंदिरा नूई ,किरण बेदी अनगिनत उदाहरण जिन्हें पढ़कर हम अदम्य इच्छाशक्ति और ऊर्जा से भर जाते हैं । इनकी जीवनियां हमें पढ़नी चाहिए, इनसे हमें प्रेरणा मिलती है ।यह वह लोग हैं जो परिस्थितियों से टकरा गए, तूफानों के रुख मोड़ दिये, चट्टानों को तोड़कर रास्ते बना लिए ।क्योंकि उनके पास एक अद्भुत हथियार था वह था इच्छा शक्ती ,आत्मविश्वास , आत्मबल। विवेकानंद ने कहा था ‘शक्तिहीनता समस्त बुराइयों की जननी है, आज हमारे देश के लोगों को फौलादी मांसपेशियों ,लोह धमनियों तथा दृढ इच्छाशक्ति की आवश्यकता है ,जो विश्व के रहस्यों का भेदन कर सके तथा लक्ष्य पूर्ति के लिए सागर की अतल गहराईयों में प्रवेश कर मृत्यु का सामना कर सकें ।’
“चन्द्रमा मनसो जातश्च—-
मन की बात हो और चंद्रमासे का जिक्र ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता क्योंकि सोलह कलाओं से परिपूर्ण मन के कारक है चंद्रदेव। घटता और बढ़ता चंद्रमा मनस्थिति को सूक्ष्मता से दर्शाता है ।
चंद्रमा यदि शुभता में हो तो व्यक्ति में अदम्य इच्छाशक्ति होती है और वह हर विपरीत परिस्थिति में भी रास्ते बना लेता है।सदैव प्रसन्न रहता है वह अपनी प्रसन्नता के लिए परिस्थितियों का गुलाम नहीं होता । इसके विपरीत जब चंद्रमा प्रतिकूल होता है व अशुभ प्रभाव या ग्रह स्थिति में हो तो सब कुछ होते हुए भी इंसान हताश, निराश, व्याकुल व तनावग्रसित होता है । चंद्रमा से बनने वाले शुभ योग अनफा , सुनफा और दुरधरा,गजकेसरी व चंद्र अधि योग हैं ।
चंद्रमा के अशुभ प्रभाव से बनने वाले योग ग्रहण योग, विष योग, शकट योग ,पापकर्तरी योग आदि हैं। चंद्र लग्न और इंदु लग्न का ज्योतिष में अत्यंत महत्व है। मन के अलावा चंद्रमा धन ,माता, औषधि, स्वाद ,भावनाओं धन का कारक भी है। चंद्रमा विशेष धनदाई ग्रह है इसीलिए हिंदू लग्न का बहुत महत्व है।
चंद्रमा की शुभता प्राप्ति के विशेष उपाय
चंद्रदेव की शुभता प्राप्ति के लिए चांदी के बर्तनों का अधिकाधिक प्रयोग करें पूर्णिमा का व्रत रखें तथा पूर्णिमा के चंद्रमा को अर्ध्य दें।चंद्र नमस्कार करें।
देवों के देव महादेव की साधना अत्यंत ही अचूक उपाय है. भगवान शिव जिन्होंने चंद्रदेव को अपने सिर पर धारण कर रखा है, उनकी विधि-विधान से पूजा करने पर चंद्रमा से जुड़े कष्ट दूर होते हैं। रुद्राभिषेक करवाएं।
कुंडली में चंद्रदोष को दूर करने के लिए 12 ज्योतिर्लिंग का नित्य दर्शन एवं पूजन करना चाहिए. द्वादश ज्योतिर्लिंग में भी सोमनाथ का विशेष रूप से पूजन करने पर साधक की चंद्र ग्रह से संबंधित पीड़ा दूर और सुख-सौभाग्य की पाप्ति प्राप्ति होती है।
चंद्र ग्रह को समर्पित सोमवार के दिन विधि-विधान से व्रत रखने पर न सिर्फ चंद्र देवता बल्कि भगवान भोलेनाथ का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।प्रतिदिन रुद्राक्ष की माला से ॐ सोम सोमाय नमः /ॐ नमः शिवाय” मंत्र का कम से कम एक माला जप अवश्य करना चाहिए।
चंद्र देव के बीजमंत्र “ॐ श्राम श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः” का विधि पूर्वक जप करने से चंद्र देव के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं और चंद्र देव की कृपा मिलने लगती है।
चंद्र दोष को दूर करने के लिए हर सोमवार को चावल, दूध, दही, मिश्री, सफेद कपड़े, सफेद फूल, सफेद चंदन आदि का यथासंभव दान करना चाहिए. चंद्र देवता से संबंधित दान शाम के समय करें।
यदि आपकी कुंडली में चंद्र दोष है तो उससे जुड़े कष्टों से बचने के लिए अपनी मां और मां समान स्त्रियों जैसे मौसी आदि का आदर और सम्मान करते हुए उन्हें यथासंभव प्रसन्न रखने का प्रयास करना चाहिए।